वुड का घोषणा-पत्र
'बोर्ड ऑफ़ कन्ट्रोल' के प्रधान चार्ल्स वुड ने 19 जुलाई, 1854 को भारतीय शिक्षा पर एक व्यापक योजना प्रस्तुत की, जिसे 'वुड का डिस्पैच' कहा गया। 100 अनुच्छेदों वाले इस प्रस्ताव में शिक्षा के उद्देश्य, माध्यम, सुधारों आदि पर विचार किया गया था। इस घोषण पत्र को भारतीय शिक्षा का 'मैग्ना कार्टा' भी कहा जाता है। प्रस्ताव में पाश्चात्य शिक्षा के प्रसार को सरकार ने अपना उदद्देश्य बनाया। उच्च शिक्षा को अंग्रेज़ी भाषा के माध्यम से दिये जाने पर बल दिया गया, परन्तु साथ ही देशी भाषा के विकास को भी महत्व दिया गया।
1855 ई. में 'लोक शिक्षा विभाग' की स्थापना हुई। बम्बई, मद्रास एवं कलकत्ता विश्वविद्यालय 1857 ई. में अस्तित्व में आये। 1847 ई. से पूर्व भारत में कुल 19 विश्वविद्यालय थे। वुड घोषणा पत्र 'बोर्ड ऑफ़ कन्ट्रोल' के प्रधान चार्ल्स वुड द्वारा 19 जुलाई, 1854 को जारी किया गया था। इस घोषणा पत्र में भारतीय शिक्षा पर एक व्यापक योजना प्रस्तुत की गई थी, जिसे 'वुड का डिस्पैच' कहा गया। 100 अनुच्छेदों वाले इस प्रस्ताव में शिक्षा के उद्देश्य, माध्यम, सुधारों आदि पर विचार किया गया था।
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