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सोमवार, 10 दिसंबर 2012

प्रार्थना सभा की गतिविधियाँ

             प्रार्थना सभा की गतिविधियाँ

               आज की प्रार्थना सभा 

आज दिनाँक 10-12-2012 वार सोमवार तद् अनुसार मार्गशीर्ष संवत् 2069 की द्वादशी तिथि है. प्रस्तुत है आज की प्रार्थना सभा के प्रमुख विवेचनीय अंश-
माचार दर्शन -
                    प्रार्थना सभा के आज के संस्करण में आज प्रात : तक के ताजा समाचारों का वाचन कक्षा दशम के छात्र पवन कुमार चिनिंया नें किया.
जीवन दर्शन - 
                 जीवन दर्शन के अन्तर्गत किए जानें वाले आदर्श पाठ वाचन के तहत परीक्षा एवम मानव जीवन विषय पर आज का पाठ वाचन कक्षा 11 वीं संकाय मानविकी की छात्रा चंदा स्वामी द्वारा किया गया - 
"                 मानव जीवन में परीक्षा का महत्त्व 
  मानव जीवन अनेकानेक सुखों तथा दुखों से परिचित होता हुआ अपनें अन्तिम कर्म तक पहुँचता है. सुख को प्राय हम ईश्वर की कृपा तथा दुखों को परीक्षा की घड़ी मान लेते हैं. परीक्षा वास्तव में सहज परख होती है हमारी क्षमता,योग्यता,सीखनें की प्रवृत्ति तथा प्राप्त ज्ञान के पुन प्रेषण अथवा स्मरण शक्ति की. विध्यार्थी जीवन मानव जीवन का सबसे सरल,सुखद एवम आनंद सहित ज्ञान प्राप्ति का समय माना गया है. शेष जीवन की आधार पीठिका का निर्माण विध्यार्थी जीवन में ही संभव है. इस अवधि में बालक किंवा किशोर ज्ञान की प्राप्ति, ज्ञान के मस्तिष्क में भण्डारण, ज्ञान एवम अनुभवों से सीख कर चरित्र निर्माण का तथा जब आवश्यकता पड़े तब संग्रहित ज्ञान की पुनर्प्राप्ति जैसी क्रियाओं-प्रतिक्रियाओं के बार बार प्रारम्भ एवम समापन कर ज्ञानी एवम प्रज्ञावान बनता है. अस्तु परीक्षा को भी हमें ज्ञान प्राप्ति की भाँति सहज प्रक्रिया की तरह स्वीकार कर उसका भी आनंदपूर्वक स्वागत कर अपना सर्वोत्तम प्रतिफल देना चाहिए जो हमारी योग्यता एवम क्षमता की सच्ची परख है. परीक्षा एक प्रणाली है जो हमें हमारी योग्यता का परीक्षण करवाती है तथा क्षमता का आकलन हमारे समक्ष प्रस्तुत करती है. जिसकी निष्पति के पश्चात हम तय कर सकते हैं कि भावी जीवन को जीनें में हम कितने सक्षम है. चूँकि वर्तमान युग में हमारा ज्ञान ही हमारी आजिविका तय करता है इस कारण परीक्षा का महत्तव जीवन में और भी ज्यादा प्रासंगिक हो जाता है. अत परीक्षा को भी जीवन की अनिवार्य प्रक्रिया मानते हुए सच्चे मन तथा लगन के साथ सदैव तत्पर रहना चाहिए. अब तक विध्यालय से प्राप्त ज्ञान के भण्डार के पट खोल कर उसका भरपूर उपभोग,प्रयोग एवम सदुपयोग कीजिए. परीक्षा में अपना सर्वोत्तम प्रस्तुत कर सिद्ध कीजिए की हम मात्र सच्चे विध्यार्थी ही नहीं सच्चे मानव भी हैं."
सामान्य ज्ञान प्रश्नोंत्तरी - 
नित्य प्रति की भाँति आज की प्रार्थना सभा में भी सामान्य ज्ञान की प्रवृद्धि हेतु दस प्रश्न कक्षा ग्यारह संकाय मानविकी के छात्र मनीष कुमार द्वारा पूछे गए -
1.जगत पिता ब्रह्मा का एक मात्र मन्दिर विश्व में कहाँ है ?
   उत्तर - पुष्कर (जिला अजमेर).
2.सर्वाधिक लम्बी अवधि तक चलनें वाला मेला कौनसा है ?
  उत्तर - पुष्कर मेला, कार्तिक कृष्णा पर्तिपदा से पूर्णिमा तक.
3.राजस्थान का कौनसा रियासती राजा 1658 ईस्वीं में मुगल 
  बादशाह शाहजहाँ के पुत्रों के मध्य हुए उत्तराधिकार युद्ध में
  मारा गया ?
  उत्तर - बूँदी रियासत का शासक शत्रुशाल धरमत की लड़ाई में
  मारा गया था.
4.राजस्थान के किस एक क्षेत्र में नील की खेती की जाती थी ?
   उत्तर - बयाना (जिला - भरतपुर).
5.का विस्तार कहाँ से कहाँ तक है ?
  उत्तर - दिल्ली से मुम्बई तक वाया जयपुर, अजमेर, उदयपुर.
6.भारतीय राष्टृीय कॅांग्रेस के प्रथम मुस्लिम अध्यक्ष कौन थे ?
  उत्तर - श्री बद्दरूद्दीन तैय्यब जी.
7.शरीर की वृद्धि से सम्बन्धित ग्रन्थि कौनसी है ?
  उत्तर - पीयूष या पिट्यूटरी ग्रन्थि.
8.मनुष्य के गले में कौनसी ग्रन्थि होती है ?
  उत्तर - थायरॅाईड ग्रन्थि.
9.थायरॅाईड ग्रन्थि से कौनसा हार्मोन स्त्रावित होता है ?
  उत्तर - थायरॅाक्सिन हार्मोन.
10.शरीर में आयोडीन तत्व की कमी से कौनसा रोग हो जाता है?
   उत्तर - गलगण्ड अथवा घेंघा रोग.
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