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बुधवार, 28 नवंबर 2012

विध्यालय के भौतिक एवम् शैक्षिक विकास कीगाथा

विध्यालय के भौतिक एवम् शैक्षिक विकास कीगाथा(F)

       शैक्षिक सत्र 1931-32 से सत्र 1937-38 तक शाला स्टॅाफ 

 प्राप्त रिकॅार्ड के अनुसार शाला का प्रथम वैधानिक सत्र 1931 प्रथम जुलाई से प्रारम्भ माना जा सकता है. सत्रारम्भ से पूर्व ही जिला शिक्षणालय नागौर से श्री मेघराज जी शर्मा की नियुक्ति प्रथम अध्यापक के रूप में हो चुकी थी, जिन्हें हम पाठशाला के प्रथम अध्यापक के रूप में स्वीकार कर सकते हैं. 1931 से लेकर 1937 तक पाठशाला की सम्पूर्ण शैक्षिक एवम सह शैक्षिक गतिविधियों का सम्पूर्ण संचालन,संपादन,नियंत्रण एवम निष्पादन उन्हीं के ऊपर आधारित रहा. रिकॅार्ड बुक से आप श्रीमान का मुकाम निवास के बारे में तो कोई जानकारी प्राप्त नहीं होती है तथापि उनके मासिक वेतन का उल्लेख अवश्य प्राप्त होता है जो कि 32/- अक्षरे बत्तीस रूपए मासिक था. 1951 में नए निर्मित किए गए शाला भवन के समय मजदूरी पर गए कई वृद्ध सज्जन बताते हैं कि उन्हें प्रतिदिन की मजदूरी स्वरूप चार से आठ आनें मिलते थे जो उनका संतोषजनक मेहनताना था. अस्तु हम 1931-32 में 32 रूपए मासिक वेतन का महत्तव भलीभाँति समझ सकते हैं.
                 1936 अगस्त में पाठशाला में द्वितीय अध्यापक की नियुक्ति हुई. जिला शिक्षणालय नागौर के द्वारा श्री कृष्ण शर्मा पुत्र श्री गंगा राम शर्मा को सहायक अध्यापक के रूप में नियुक्त किया गया जिनका मासिक वेतन 28 /- अक्षरे अठ्ठाईस रूपए लिखा हुआ है. इनके मुकाम का उल्लेख नहीं मिला है. सत्र 1937-1938 के प्रारम्भ होनें के बाद श्री मेघराज शर्मा का स्थानान्तरण अन्यत्र हो गया. परन्तु अगस्त 1937 में दो नए अध्यापकों को शाला में नियुक्त किया गया. श्री मूलराज जिनका वेतन 20/- अक्षरे बीस रूपए मासिक लिखा हुआ है तथा दूसरे अध्यापक हनुमान दत्त पुत्र श्री बाल राम थे जिनका मासिक वेतन 32/- अश्क्षरे बत्तीस रूपए था. पूर्व से नियुक्त श्री कृष्ण शर्मा को मुख्य अध्यापक पद नाम से उल्लेखित किया गया है जो निश्चित रूप से प्रधानाध्यापक का पद रहा होगा तथा नव नियुक्त दोनों अध्यापक सहायक अध्यापक पद उपाख्य से रिकॅार्ड बुक में उल्लेखित किए गए हैं.
अस्तु 1937-38 का शाला स्टॅाफ यों लिखा जा सकता है - 
    1.प्रधानाध्यापक - श्री कृष्ण शर्मा पुत्र श्री गंगा राम शर्मा.
    2.सहायक अध्यापक - अ. श्री मूल राज.
                                  ब. श्री हनुमान दत्त पुत्र श्री बालु राम. 
उस समय प्रधानाध्यापक एवम सहायक अध्यापक पद के लिए आवश्यक अर्हताएँ, योग्यताएँ,नियुक्ति की प्रक्रिया तथा वेतन निर्धारण किस प्रकार होता था इसकी जानकारी का कोई स्त्रोत कम से कम विध्यालय ा रिकॅार्ड तो नहीं है परन्तु यह जानकारी सम्भवतया जिला शिक्षा अधिकारी नागौर के पास संरक्षित रिकॅार्ड में मिल सकती है अन्यथा जोधपुर रियासत की तत्कालीन बहियों से ही यह तथ्य संकलन हो सकता है.
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