दिनाँक 23-11-2012 की प्रार्थना सभा
आज की प्रार्थना सभा के प्रमुख विवेचनीय अंश --
1.समाचार दर्शन - कक्षा 11 वीं मानविकी संकाय के छात्र दिनेश कुमार
द्वारा दैनिक समाचार दर्शन का वाचन.
2.जीवन दर्शन - कक्षा 12 वीं मानविकी संकाय के छात्र रवि कुमार के
द्वारा जीवन दर्शन पाठ वाचन के क्रम में व्यक्ति परिचय प्रस्तुत
किया गया जो मलाला युसुफजई के बारे में था.---
आज के जीवन दर्शन में प्रस्तुत है व्यक्ति परिचय. मन की ईच्छा शक्ति जब आत्म शक्ति के साथ जुड़ जाती है तब वह जीवन शक्ति बन जाती है.जिसकी प्राप्ति के पश्चात मानव जीवन की किसी भी बाधा पर विजय श्री प्राप्त कर सकता है.इसका ताजा उदाहरण है पाकिस्तान के उत्तरी पश्चिमी प्रांत के खैबर पख्तुनवा जिला जो स्वात घाटी क्षेत्र में पड़ता है
के गाँव मीनगोरा के पश्तो पठानी परिवार की 14 वर्षीय बालिका मलाला
य़ुसुफजई. मलाला का जन्म 12 जुलाई 1997 को हुआ था. वह अपनें माता पिता तथा दो भाइयों के साथ रहती है. स्कूल में प्रवेश दिलवा कर मलाला को शिक्षा प्राप्ति के पश्चात उसके पिता उसे राजनीति में जौहर दिखानें की आकांक्षा रख रहे थे वहीं मलाला डॅाक्टर बन कर अपनें क्षेत्र के जन समुदाय की सेवा का मानस रखती थी. वास्तव में पिता पुत्री दोनों अपनी अपनी जगह सही थे.दर असल स्वात घाटी का यह क्षेत्र दुर्दांत तालिबानियों के प्रभुत्व वाला क्षेत्र है जिनके समक्ष प्राय पाक पुलिस तथा सेना की विवशता देखी गयी है.मीनगोरा गाँव में मौलाना फजलुल्लाह इन सिरफिरे धर्मान्धों की गतिविधियों को चलाता है.
15 जनवरी 2009 में उसनें बालिका शिक्षा को इस्लाम विरोधी होनें का फतवा
देकर बालिकाओं का स्कल जाना बंद करवा दिया.मलाला इसके विरोध में बी.बी.सी.
के ब्लॅाग को माध्यम बना कर अपनी आवाज तालिबान के खिलाफ
उठानी प्रारम्भ कर दी. इससे पूर्व मलाला सितम्बर 2008 में जब वह मात्र 11
वर्ष की थी तब अपनें पिता जियाऊद्दीन युसुफजई के साथ पेशावर के प्रेस क्लब में आयोजित एक शैक्षिक सम्मेलन में महिला शिक्षा के अधिकार की माँग बुलँद कर चुकी थी. मलाला तब से
ही तालिबान की आँख की किरकिरी बन चुकी थी. 2010 के प्रारम्भ में फजलुल्लाह
नें स्वात घाटी क्षेत्र में गीत संगीत,टेलीविजन,बालिका शिक्षा तथा महिलाओं
द्वारा बाजार में की जानें वाली खरीददारी पर पाबन्दी लगा दी.तब मलाला नें एक छद्म नाम से बी.बी.सी. संवाद दाता को साक्षात्कार
दिया तथा कई अन्य चैनलों के माध्यम से तालिबान के इस काले आदेश का विरोध
जारी रखा. तालिबान के उक्त आदेश के बाद स्वात घाटी के 100 से भी ज्यादा
स्कूल बंद कर दिए गए जनमें मलाला का स्कूल भी सम्मिलित था. तालिबान इतनें
से ही संतुष्ठ नहीं हुआ,कई सकूल्स भवनों पर बुलडोजर फिरवा कर उन्हें ध्वंसित
कर दिया गया. इसी मध्य बिशप डेसनंड टूटू नें मलाला का नाम अंतर्राष्टृीय
बाल शाँति पुरस्कार के लिए प्रस्तावित किया वहीं पाक सरकार नें राष्टृीय
बाल शाँति पुरस्कार से सम्मानित किया गया.मलाला नें फेसबुक के माध्यम से
तालिबानियों का विरोध जारी रखा.अंतत मलाला पर 9 अक्टूबर 2012 को जब अपनी दो
सहपाठियों कायनात रियाज तथा शाजिया रमजान के साथ परीक्षा देकर जब स्वात से
अपनें गाँव लौट रही थी तब बीच रास्ते बस को रुकवा कर 3,4 तालिबानी दुर्दान्तों नें कौन है मलाला कहते हुए अंधाधुँध गोलीबारी प्रारम्भ कर दी. सिर,गर्दन तथा कन्धें पर गोलियाँ दाग दी जिससे मलाला लगभग मौत के मुँह में जा चुकी थी, उसकी दोनों सीथिनें भी घायल हो गई.मलाला को तुरंत पेशावर के आर्मी अस्पताल में ले जाया गया. बेशर्म तालिबान नें खुल कर इस कुकृत्य की जिम्मेदारी ले ली. गंभीर हालात में कौमा में जा चुकी मलाला को विमान से रावलपिंडी लाया गया. वहाँ शरीर के अन्य अंगों में लगी गोलियाँ तो निकाल दी गई परन्तु खोपड़ी को चीर कर मस्तिष्क में धँस चुकी गोली को निकालना एक जटिल आपरेशन
था.विश्व के कई देशों नें उपचार हेतु मदद करनें के प्रस्ताव भेजे.जब मलाला
के बचनें के चाँस मात्र 1 से 5 प्रतिशत रह गए तब यू.ऐ.ई. द्वारा उपलब्ध
करवाएं गए विशेष विमान से वेटिंलेटर पर लेटी मलाला को इंग्लैंड के बर्मंघम नगर स्थित महारानी एलिजाबेथ अस्पताल में भर्ती करवाया गया. डॅाक्टर रोजर के नेतृत्व में किए गए लम्बे और गहन आपरेशन के पश्चात मस्तिष्क
की गोली भी निकाल दे दी गई. सुखद बात यह रही की मलाला देखनें,सुननें में
सक्षम हो गई. 26 अक्टूबर को मलाला चमत्कारिक रूप से होश में आ गयी.मलाला अभी भी ऊपचाराधीन है.मलाला नारी शक्ति के प्रतीक रूप में सम्पूर्ण विश्व में सितारा बन कर चमक उठी. इसके बाद मलाला की प्रशस्ति में पाक सरकार तथा UNO नें कई घोषणाएँ की है--
1.स्वात में मलाला के नाम से डिग्री कॅालेज खोले जानें की
घोषणा की गई है.
2.पाक सरकार नें मलाला को वीरता के सर्वोच्च अवार्ड सितारा
-ए-शुजात से नवाजा है.
3.कराची में एक विध्यालय तथा कॅालेज का नाम मलाला के
से किए जानें की घोषणा की गई है.
4.UNO तथा UNICEF नें मैं हूँ मलाला के नाम से एक वर्ल्ड वाईड
कार्यक्रम बनाकर 2015 तक विश्व के सभी राष्टृों की बालिकाओं
को स्कूलों से जोड़नें का एक विशेष अभियान बना कर व्यापक
स्तर पर कार्य किया जाएगा.
5. UNO नें प्रतिवर्ष 10 नवम्बर को बालिका शिक्षा के संदर्भ में
मलाला दिवस के रूप में मनाए जानें की घोषणा की है.
सत्य है वीरता दृढ़ता,सत्यता एवम सच्ची लगन सदैव विजय श्री प्रप्त करती है.
I am also spent some time at this school. very lovely really. This page about Malala really owesome ! outstanding work,keep it going on ahed.
जवाब देंहटाएंI am also spent some time at this school. very lovely really. This page about Malala really owesome ! outstanding work,keep it going on ahed.
जवाब देंहटाएंgood
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